गीतिका/ग़ज़ल

याद करके तुम्हें

याद करके तुम्हें   तुम्हारी तस्वीर को छुआ ।
वल्लाह खूबसूरत तुम्हारी तस्वीर को छुआ ।।
क्या बात  क्या नूर  क्या खूमार  चेहरों पर ,
तेरी उम्मीद  तेरी दीद ए बेनजीर को छुआ ।
वो सुहाना मौसम वो दिलकश सफर सुहाना ,
दिल में  कैद यादों की  वो जंजीर  को छुआ ।
मेरे करीब आए तुम  बनकर मेरे नसीब आए ,
आहिस्ता आहिस्ता अपनी तकदीर को छुआ ।
दुआओं में पाया तुम्हें खुदाओं में पाया तुम्हें ,
पाकर तुम्हें पाकीज़ा इश्क़ ए हीर को छुआ ।
जिंदगी के राहों में  मेरी  मचलती बाहों में तुम ,
दर्दे दिल खंजर ए इश्क निगाहें तीर को छुआ ।
याद करके तुम्हें   तुम्हारी तस्वीर को छुआ ।
वल्लाह खूबसूरत तुम्हारी तस्वीर को छुआ ।।
— मनोज शाह ‘मानस’ 

मनोज शाह 'मानस'

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