लोक मान्यता के अनुसार
भगवान शिव की मानस पुत्री
‘मनसा’
और साँप से खेलने के कारण
नाम ‘विषहरी’ के
अहं को,
जो यह समझती थी
कि सभी देवी-देवताओं की
पूजा होती है,
उनकी क्यों नहीं होती ?
इस अहं की टकराहट
चंपानगर के बड़े व्यवसायी
चंद्रधर से
येन-केन पूजा लेने के लिए
हद तक चली जाती है
और उनके एकमात्र पुत्र
बाला लखींद्र को
साँप से डंसवा कर
मार डालती है,
तब लखींद्र की धर्मपत्नी
बिहुला
अपने पति के
मृत शरीर को लेकर
खुद सदेह
यमराज के पास
चली जाती है,
जहाँ चंद्रधर सौदागर द्वारा
मनसा की
बाँये हाथ से
पूजा किये जाने पर ही
यमराज
बाला लखींद्र को
जीवित कर देता है।
कथा-सारांश यही है !

परिचय - डॉ. सदानंद पॉल
तीन विषयों में एम.ए., नेट उत्तीर्ण, जे.आर.एफ. (MoC), मानद डॉक्टरेट. 'वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर सहित सर्वाधिक 300+ रिकॉर्ड्स हेतु नाम दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 10,000+ रचनाएँ और पत्र प्रकाशित. भारत के सबसे युवा संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में क्वालीफाई. पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.