पुस्तक समीक्षा

पुस्तक समीक्षा : अच्छे स्वास्थ्य के मापदंड

चौबीस पेज की यह छोटी सी पुस्तक गागर में सागर है। सैंतीस पुस्तकों के लेखक श्री चंचल सर साधुवाद के पात्र हैं। उनकी सशक्त कलम को नमन। अस्त व्यस्त जीवन में हम आप मैं सभी अपने स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह रहते हैं। बीमार होने पर कुछ दिन दवा खा लेते हैं। पर फिर भी हम अपने स्वास्थ्य को सही रखने के लिए कुछ भी प्रयास नहीं करते। नब्बे प्रतिशत व्यक्तियों की यही कड़वी हकीकत है। यह पुस्तक जागरूक करने में सक्षम समर्थ है। इस पुस्तक को पढ़कर पाठक पाठिका को अपनी भूल का एहसास होगा एवम शायद वह अपने स्वास्थ्य को भी कुछ समय देना प्रारम्भ करेगा। अनेकों व्यक्ति वर्तमान समय में ब्लड प्रेशर की गोली खा रहे हैं। फीकी चाय पी रहे हैं। मोटापा भी बीमारी है। महिलाएं आयरन थायरायड की गोलियां खा रही हैं। जिम व्यायाम वॉकिंग प्राणायाम इत्यादि कुछ ही कर रहे हैं। फास्ट फूड का जहर खाना फैशन है। कई नशे के आदी हैं। व्यायाम करने एवम वॉकिंग के लिए समय नहीं होने का एक झूठा बहाना प्रत्येक के पास है।

हम सभी को जगाने का कार्य चंचल सर ने इस पुस्तक एवम अपनी और भी पुस्तकों से करने का प्रयास किया है। पुस्तक अच्छी है कहने लिखने बोलने से कुछ लाभ नहीं होगा। अमल करना होगा। चंचल सर की इस पुस्तक को पढ़कर कुछ एक भी अपने स्वास्थ्य की परवाह करने लगेंगे तो चंचल सर का पुस्तकें लिखने का उद्देश्य सार्थक होगा। व्हाट्स ऐप 6375358239 पर संपर्क कर लेखक से यह पुस्तक प्राप्त की जा सकती है। cmchordia.jodhpur@gmail.com पर भी संपर्क किया जा सकता है।  इस समीक्षा के पाठक पाठिका अगर चंचल सर से संपर्क कर अपने स्वास्थ्य को सही रखने का संकल्प कर प्रयास करें तो मेरा यह समीक्षा लिखना सार्थक होगा। आपको कुछ लाभ हो तो लेखक के साथ मुझे भी 9461591498 पर सूचित करने की कृपा करें।

— दिलीप भाटिया 

*दिलीप भाटिया

जन्म 26 दिसम्बर 1947 इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और डिग्री, 38 वर्ष परमाणु ऊर्जा विभाग में सेवा, अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक अधिकारी