मुक्तक/दोहा

शीर्षक :- वृक्ष संरक्षण

ज्ञान अगर बचपन से होगा , पोधों के संरक्षण का,
कमी न होगी वृक्षों की यदि हो, शौक वृक्षा रोपण का।

खेल – खेल में बचपन सीखे , उपयोगिता वृक्षों की,
क्रांति आयेगी फिर जीवन में, काम न होगा शोषण का।

हम बच्चों को यह समझाएंँ , वृक्ष जरूरी जीवन में,
प्रकृति चाहती साथ आपका, नाता रखें समर्पण का।

रोग अनोखे रोज जन्मते , विवश सभी देखा करते,
वृक्ष लगा कर मार्ग निकालें, जग के कष्ट निवारण का।

वर्षा निमंत्रित करते वृक्ष, पर्यावरण रखते स्वच्छ,
इन्हें न काटें भूले से भी,अवसर मिले अवतरण का।

सारिका ठाकुर “जागृति”
सर्वाधिकार सुरक्षित
ग्वालियर (मध्य प्रदेश)

डॉ. सारिका ठाकुर "जागृति"

ग्वालियर (म.प्र)