राजनीति

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के चार साल – बदलाव की वास्तविक बयार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने अपना चार साल का कार्यकाल बहुत ही सफलता के साथ पूरा कर लिया हैं। योगी जी के नेतृत्व में प्रदेश में विकास की नयी गाथा गढ़ी जा रही है और अब समाज के विभिन्न वर्गों की जन आकांक्षाओं ंके अनुरूप ही सरकार फैसले ले रही है और उन्हें लागू कर रही है। इसके परिणाम भी आज सामने आ रहे हैं। प्रदेश में जब योगी जी के नेतृत्व में नयी सरकार सत्ता में आयी, तब उसके सामने कठिन चुनौतियां थीं, जिनसे उनको पार पाना था और यह काम आसान नहीं था। जब योगी सरकार आयी तब सबसे बड़ी समस्या प्रदेश को अपराधमुक्त करना और पुलिस विभाग के मनोबल को ऊंचा करना था, जिसमें सरकार सफल हो रही है। सरकार की नीतियों से कानून व्यवस्था में काफी सुधार हो रहा है और अपराधी तथा माफिया जगत थर-थर कांप रहा है। हालात ये हो गये हैं कि आज अपराधी या तो एनकाउंटर में ढेर हो रहे हैं या फिर उन्हें गिरफ्तार कर कानून के दायरे में लाया जा रहा है।
प्रदेश में समाजवादी नेता आजम खां, माफिया अतीक अहमद व मुख्तार अंसारी जैसे लोग गायत्री प्रजापति सरीखे सभी दलों के ऐसे अपराधी जिनको राजनैतिक संरक्षण प्राप्त रहता था आज रहम की भीख मांग रहे हैं। बीजेपी सरकार में किसी अपराधी पर कार्यवाही उसकी जाति व धर्म देखकर नहीं की जा रही है। अपराधी को अपराधी की ही नजर से देखा जा रहा है, जिसके कारण आज अपराधों में काफी कमी आयी है। कई जगहो ंपर अपराधियों ने स्वयं आत्मसमर्पण किया। कई जगह कुछ बड़ी वारदातें हुई जरूर हैं, लेकिन कड़े प्रशासनिक रवैये के चलते अपराध व अपराधियों का खुलासा भी हुआ है। प्रदेश में सुरक्षित महसुूस कर रहे अपराधी अब भाग रहे हैं। पुलिस ने सभी फरार चल रहे अपराधियों की सूची बनाकर चैतरफा घेराबंदी की। प्रदेश में अब तक 130 अपराधी मुठभेड़ में मारे गये और 2782 घायल हुए। सबसे बड़ी बात यह रही है कि भाजपा सरकार आने के बाद प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ है और सभी पर्व शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हुए है।
प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक के बाद एक कई फैसले ले रही है, जिसके कारण अपराधियों व उनको राजनैतिक संरक्षण प्रदान करने वाले आकाओं में घबराहाट व भय का माहौल बन चुका है। यही कारण है कि अब प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ जो कार्यवाही हो रही है उसमें धर्म और जाति को जोड़ दिया है। एआईएमआईएम नेता ओवैसी और बसपा नेत्री मायावती का कहना है कि प्रदेश में धर्म व जाति को देखकर एनकाउंटर किये जा रहे हैं। आज प्रदेश की जनता योगी सरकार की ‘ठोक दो’ नीति से बहुत खुश है तथा पुलिस और जनता का मनोबल ऊंचा हुआ है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जब प्रदेश में दंगे भड़काये गये उसके बाद योगी सरकार ने उपद्रवियों से निपटने के लिए जिस प्रकार से कदम उठाये वे एक मिसाल बन गये। उपद्रवों के बाद उप्र लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम 2020 लाना पड़ा इससे साफ संदेश गया कि धरना प्रदर्शन की आड़ में सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने पर कार्रवाई तय है। प्रदेश में पीएफआई जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ भी कड़े कदम उठाये जा रहे हैं।
कानून व्यवस्था में लगतार सुधार होने से प्रदेश में विकास व निवेश के नये द्वार खुल रहे हैं। अब प्रदेश उत्तम प्रदेश से आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। समाज के हर वर्ग के लिए प्रदेश सरकार बड़े कदम उठा रही है। कोरोना काल में प्रदेश सरकार ने जिस प्रकार से स्थिति को संभाला है उसकी सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कर रहा है।
चार साल के कार्यकाल में योगी जी की सरकार ने हिंदुत्व व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को व्यापक धार दी है। पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अयोध्या, मथुरा वृंदावन व काशी का विकास तो हो रहा है साथ ही अब एक जिला एक उत्पाद योजना की तर्ज पर ही एक जिला एक पर्यटन केंद्र का भी विकास किया जा रहा है। माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसला सुनाये जाने के बाद अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के राजनैतिक जीवन की एक बहुत बड़ी सफलता है। अब जनमानस की भावना के अनुरूप ही अयोध्या का विाकस हो रहा है। अब 2022 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी वालों से यह सवाल तो नहीं पूछा जायेगा कि रामलला का मंदिर कब बनाओगे।
अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर जिस प्रकार से तेज गतिविधियां चल रही हैं उससे ऐसा प्रतीत हो रहा हैं कि 2022 में विधानसभा चुनावों से पहले मंदिर का कम से कम उदघाटन हो जायेगा। मंदिर निर्माण और अयोध्या के विकास का कार्यक्रम तो रहेगा। प्रदेश में पहली बार अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया और हर वर्ष दीपों की संख्या का रिकार्ड बनता गया। अयोध्या, मथुरा और काशी का अब विश्व के पर्यटन मानचित्र में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के उददेश्य से वाराणसी की गंगा आरती तर्ज पर गंगा नदी के किनारे बसे अन्य पर्यटन स्थलों में भी इसका विस्तार किया जा रहा है। प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक केन्द्रों के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले का बेहद सफलतापूर्वक अयोजन कर एक नया कीर्तिमान रचा गया। सावन के पवित्र माह में कावड यात्रियों पर पहली बार हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा की गयी। हिंदुत्व की छवि को आगे बढाने के लिए इलाहाबाद जिले का नाम प्रयागराज किया गया। साथ ही सरकार ने कई ऐसे छोटे बड़े निर्णय लिये है जिनसे हिंदुत्व व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को बल मिलता है।
प्रदेश में हिंदू बेटियों को लव जेहाद से बचाने के लिए जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक के लिए यूपी विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिबंध विधयेक को मंजूरी दी गयी। यूपी गोवध निवारण संशोधन कानून लाया गया और अवैध बूचडखानों पर प्रतिबंध लगाया गया। महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड गठित किया गया। महिलाओं के लिए मिशन शक्ति अभियान भी चलाया गया। तीन तलाक पीड़ित व परित्यक्ता महिलाओं के लिए पेंशन का निर्धारण किया गया है।
योगी सरकार गांव, गरीब किसान और युवाओं के लिए लगातार ऐतिहासिक फैसले ले रही है। जिसके कारण समाज में बदलाव व उत्साह की बयार दिखायी पड़ा रही है। समाज में योगी जी व बीजेपी सरकार के प्रति एक भरोसा जगा है। जब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया, तो उसकी गूंज महाराष्ट्र के राजनतिक गलियारे में भी सुनायी पड़ी और योगी जी का खूब मजाक भी बनाया गया तथा यहां तक कहा गया कि मुम्बई को फिल्म नगरी को हमसे कोई छीन नहीं सकता। लेकिन आज यह आलम हो रहा है कि बडे-बड़े फिल्म अभिनेता व निर्माता निर्देशक यूपी को अपना नया ठिकाना बनाने का मन बना रहे हैं। फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने तो अयोध्या में भव्य रामलला के दर्शन भी किये और अपनी फिल्म रामसेतु के लिए आशीर्वाद मांगा और फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फिल्म सिटी के प्रारूप पर चर्चा भी की।
प्रदेश में आज विकास की नयी इबारत लिखी जा रही है। निवेश, नौकरी, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में बड़ी पहचान बनायी है। कोराना महामारी के कालखंड में सर्वाधिक आबादी वाला राज्य होने के नाते यूपी के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती व समस्या थी। कई राज्यों से प्रवासी श्रमिकों को पलायन करने के लिए मजबूर करने की सियासत ने कोरोना काल की चुनौती को और गंभीर बना दिया था। विरोधी आपदा में अपने लिये अवसर खोज रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने स्वयं को एक नये अवतार में पेश किया। कोरोना काल खंड में ही योगी जी जब अपनी बैठकों में व्यस्त रहते थे, उसी समय उनके पिता के निधन का दुःखद समाचार भी आया, लेकिन वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं जा सके।
प्रदेश सरकार समाज के हर वर्ग के लिए लगातार कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने पहली बार विभिन्न परीक्षाओं मेें बैठने वाले युवाओं के लिए निःशुल्क अभ्युदय योजना की शुरूआत की है जिसकी आज सभी लोग प्रशंसा कर रहे हैं कि पहली बार ऐसी कोई सरकार आयी है जिसने ऐसे छात्र जो गरीबी व अन्य कारणों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पाते थे उनके लिए निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की है। यही नहीं प्रदेश सरकार अभ्युदय योजना में शामिल छात्रों को टैबलेट देने जा रही है। प्रदेश में विगत चार वर्षो में तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। आज प्रदेश सरकार केंद्रीय योजनाओं को लागू कर रही है, जिससे जनता के जीवन में बदलाव की बयार बह रही है।
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अपनी उपलब्धियों व अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर तथा अन्य विकास योजनाओं को आधार मानकर उनके व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। सरकार ने किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए कई ठोस कदम उठाये हैं, जिन्हें गावों में चैपाल लगाकर किसानों के बीच पहुंच बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है। सोशल मीडिया में भी सरकार के चार बेमिसाल साल टेंªड कर रहा है। यही कारण है कि जितने भी सर्वे आ रहे हैं उनमें भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता अभी भी शीर्ष पर बनी हुई है।
— मृत्युंजय दीक्षित