कविता

‘विश्व कविता दिवस’ पर मार्मिक कविताएँ

सोचता हूँ,
अपना नीतीश काका
खाँटी बिहारी हैं,
यही ठीक रहेगा
कि सचिन
क्रिकेट के
भगवान की भाँति
काका भी
नियोजित शिक्षकों के
भगवान हो जाय
कि जड़ी-बूटी बाँचने का
लंबा अनुभव है उन्हें
पुड़िया में
अच्छी गाँठ लगाते हैं
फिर तो काकी भी
शिक्षिका थी
काका को आगे बढ़ाने में
काकी की योगदान
अविस्मरणीय रही !
वरना वे तो
इंजीनियरिंग डिग्री
फाड़ चुके है !
××××
क्या हम पुंलिंग
औरत-औरत
रटते हैं सिर्फ
परनारी पे लार
टपकाने ही
हम पुंलिंगों के
व्याकरण हैं
पर जिनकी बीवी
सुंदर है,
वो भी क्यों
बाज़ार जाते हैं ?
क्या धनी
और सुंदर औरत
सुनंदा हो जाएंगी !
इसलिए बचिए,
इसे यूँ ही पहेली
नहीं कही जाती !
कि हुक्के का मुँह
और औरत के ओठ
जूठे नहीं होते
निराला जी ने
कहा था कभी !
××××
एक दोस्त की वो बातें
हमेशा याद आती है
कि मैं कहता हूँ-
फटा है,
पुराना है,
पर मेरा बिहार
महान है !
पर वो कहती है
मेरा बिहार नहीं,
लाख परेशानी हो यहाँ,
फिर भी कोई प्रान्त नहीं,
अपितु भारत महान है,
भारत महान है !
××××

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.