एक सदी बाद भी
‘सोशल डिस्टेंसिंग’ में
मित्रो से
न मिलना
दोनों के हित में है;
पर दुःख की घड़ी में
जो मित्र ‘मैसेज’ ना करे,
वह ‘मित्र’ कैसे हैं ?
××××
महामारी में कोई
ना तो ‘बर्थडे’ मनाएँ,
ना तो लोगों को
एतदर्थ स्मरण दिलाएँ !
यह दोनों पक्षों के लिए
बेहतर है !
××××
नीतीश जी !
कोरोना वायरस
भगाने के लिए
‘मानव शृंखला’
लगाना संभव है क्या,
जब ‘सोशल डिस्टेंसिंग’
काफी गहरा गई है ?
××××
ऐसे ज़िंदगी भर
लॉकडाउन रहे,
खाकर,
पानी पीकर
पड़े रहूँगा !
तब किसी को
रोजगार नहीं चाहिए
तेजस्वी भी
बेरोजगार यात्रा से
बच जाएंगे !
××××
एक थी ‘मानव शृंखला’ !
अब एक है
‘सोशल डिस्टेंसिंग’ !
एक साल बाद भी
एक सदी बाद भी !