लघुकथा

जमाखोरी

जमाखोरी
————

जंगल का राजा शेरसिंह भोजन करने के बाद आराम फरमा रहा था कि अचानक चुन चुन चूहे को न जाने क्या सूझी, वह उछलते कूदते शेरसिंह के पेट पर जा पहुँचा और कूदने लगा। उसके कूदने से शेरसिंह को पेट में गुदगुदी सी हुई और वह हँस पड़ा।

उसको हँसते देखकर जंगल का प्रधान मंत्री भोलू भालू भी हँस पड़ा और बोला, ” महाराज ! चूहे की इतनी बड़ी गुस्ताखी के बाद भी आप इसको सजा देने की बजाय उल्टे हँसे जा रहे हैं ?”

शेरसिंह भोलू की तरफ देखकर मुस्कुराया और बोला, ” भोलू ! क्या तुम्हें नहीं पता कि जमाखोरी सिर्फ इंसानों की दुनिया में होती है ?.. और सौभाग्य से हम इंसान नहीं हैं, नहीं तो जंगल में एक भी जीवित प्राणी नहीं बचता।”

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।