क्षणिका

मतवाला जिया

बचपन में
बाजी लगती थी,
किनके मूत्रोत्सर्ग की
धार दूर जा गिरती है,
उसे रसगुल्ले खिलाएंगे;
तब खूब खाते थे,
अब दोस्तों से
डिस्टेंसिंग है !
××××
क्या आपने
कभी गधे को
बाप कहा है?
पाप लगेगा,
कहना भी नहीं…
क्योंकि उनके
अतिरिक्त टाँग का नाम
नोखेलाल है !
××××
तुम नहीं हो,
तब तुम्हारी याद
आती है;
इलु इलु
नहीं कह पाता,
सामने जब होती हो !
××××
तूने और रंगीले
कैसे-कैसे जादू किया?
पिया-पिया बोले
मतवाला जिया !
हाथ ना मिलाके,
पास ना बुलाके,
गले ना लगाके;
तूने मोरे जान बचाया !
एक फिल्मी गीत पैरोडी।
××××

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.