कविता

नारी तेरी यही कहानी

दिल में दर्द,आंखों में पानी
नारी तेरी यही कहानी
तूने हस्ती अपनी मिटा दी
पर दुनिया ने तेरी कदर न जानी।
तेरे बिन अस्तित्व नहीं दुनिया की
सम्पूर्ण तुम हो दुनिया की
तेरे बिन दुनिया अधुरी
तेरे बिन दुनिया नहीं पुरी।
कहे कवि माखनलाल ,
तेरे आंचल में दूध
आंखों में पानी,
त्याग, सेवा और बलिदान
नारी तेरी यही निशानी ।
तू ममता की देवी
मानव की जननी
पर न करता तेरा सम्मान प्राणी
नारी तेरी यही कहानी ।
माॅ बनकर बच्चों को गीत सुनाती
कभी अद्धांगिनी बन पति को बहलाती,
सारे दुःखों को सहकर भी मुस्कुराती
नारी तेरी यही कहानी ।
तेरे बिन सम्पूर्ण अपूर्ण रह जाती
मार्गदर्शक बन तू मार्ग दिखाती
फिर भी लोग करते हैं मनमानी
नारी तेरी यही कहानी ।
बहन बन भैया को राखी पहनाती,
दहेज लोभी कुत्तों से बचा न पाता प्राणी
हमेशा समाज ने तुझसे ही मांगी कुर्बानी
नारी तेरी यही कहानी ।
पर अब हमने है ठाणी
यूँ बेकार न जाने देंगे तेरी कुर्बानी
समाज में स्थापित करूंगा तेरी निशानी
दुनिया के सामने लाऊंगा तेरी कहानी।
—  मृदुल