गीत/नवगीत

सबके विकास की बातें करते

ईर्ष्या, द्वेष,  नफरत है दिल में,  किंतु, प्रेम के गाने गाते।
सबके विकास की बातें करते, आत्म विकास नहीं कर पाते।।

करते रहे औरों की समीक्षा।
कैसे पूरी हो?  फिर इच्छा।
सबको सीख देत हो क्षण-क्षण,
खुद ही, खुद की, ले लो परीक्षा।
भ्रष्ट आचरण, कर्महीन धन,  उससे, कराते हो जगराते।
सबके विकास की बातें करते, आत्म विकास नहीं कर पाते।।

अहम ने, सबको, दूर भगाया।
दान के नाम, खुद को भरमाया।
खुद ही, खुद को, समझ न पाये,
पल-पल औरों को समझाया।
धैर्य, शान्ति की बातें करते, धैर्य बिना, कटें, खुद की रातें।
सबके विकास की बातें करते, आत्म विकास नहीं कर पाते।।

कर में जो है, यहीं है पाया।
सीख रहे जो, केवल माया।
खुद तो भ्रम में जीते हर पल,
औरों को भी, है भरमाया।
सच क्या है? ईश्वर कैसा? जाना न, किसी ने, केवल बातें।
सबके विकास की बातें करते, आत्म विकास नहीं कर पाते।।

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)