गीत/नवगीत

होली

होली का त्यौहार है रंगो की बौछार है
रंग बिरंगी रंगों में रंग गया संसार है।

रंग भरी पिचकारी ले आई मस्तों की टोली
गली गली में शोर मचा आ जाओ हमजोली
आओ रंग गुलाल लगाकर खेलें आंख मिचोली

होली का त्योहार है रंगों की बौछार है
रंग बिरंगी ही रंग में रंग गया संसार है।

रंग रसिया भंग पी के मेरी चुनरी खींचे
ऐसी मारी पिचकारी के दामन चोली भीगे
हर चेहरे का रंग गुलाबी कली कली कचनार है

होली का त्यौहार है रंगों की बौछार है
रंग बिरंगी रंगों में रंग गया संसार है।

आज उम्र को पीछे छोड़ो रंगरसिया को जी भर छेड़ो
इंद्रधनुष सब बन जाओ इन रंगों से नाता जोड़ो
बूढ़ों पर भी चढ़ी जवानी
यह फगुआ की मार है

होली का चोर है रंगों की बौछार है
रंगी बिरंगी रंगों में रंग गया संसार है।

— पावनी दिक्षित जानिब

*पावनी दीक्षित 'जानिब'

नाम = पिंकी दीक्षित (पावनी जानिब ) कार्य = लेखन जिला =सीतापुर