कविता

/ विचार /

विचार होते हैं
मनुष्य के
विभिन्न प्रकार के
विचार ही मनुष्य के
विविध रूप हैं
विचार नहीं तो
मनुष्य नहीं है
धर्म हो या दर्शन
अपने विचार के अनुरूप
लगते हैं सही या गलत
विचार के अनुरूप
लगता है अपना या पराया
ऊँच – नीच, सही – गलत
विचारों की दुनिया में
विचारों के साथ
लड़ते – लड़खड़ाते – लंगडाते
जिंदगी एक जद्दोजेहद है।

पी. रवींद्रनाथ

ओहदा : पाठशाला सहायक (हिंदी), शैक्षिक योग्यताएँ : एम .ए .(हिंदी,अंग्रेजी)., एम.फिल (हिंदी), पी.एच.डी. शोधार्थी एस.वी.यूनिवर्सिटी तिरूपति। कार्यस्थान। : जिला परिषत् उन्नत पाठशाला, वेंकटराजु पल्ले, चिट्वेल मंडल कड़पा जिला ,आँ.प्र.516110 प्रकाशित कृतियाँ : वेदना के शूल कविता संग्रह। विभिन्न पत्रिकाओं में दस से अधिक आलेख । प्रवृत्ति : कविता ,कहानी लिखना, तेलुगु और हिंदी में । डॉ.सर्वेपल्लि राधाकृष्णन राष्ट्रीय उत्तम अध्यापक पुरस्कार प्राप्त एवं नेशनल एक्शलेन्सी अवार्ड। वेदना के शूल कविता संग्रह के लिए सूरजपाल साहित्य सम्मान।