कविता

कोरोना

कोरोना महामारी तीव्र गति से चल रही है
 थम सी गई है साँसे ये संसार की,
 हर तरफ सन्नाटा भयानक- सा वातावरण
 ना दिख रही वे रौनके बाजार की!!
 चारों ओर महामारी ही महामारी है
 ज्यों लगे हमें यह जीवन अशुभ कारी है
 कौन बचाए,इस पाप अधर्म से
जैसे, युद्ध अभी भी जारी है!!
अस्त्र -शस्त्र  है सब फीके पड़े
 निरंतर जारी जैसे, मानवीय विश्वयुद्ध है
 वरदान हमारा है  जीवन में जो
 आज वही विज्ञान के विरुद्ध है!!
 हर तरफ खौफनाक मंजर, तबाही
 यह दुनिया लगे अब वीरान है
 क्या, कैसे,होगा अब गुजारा
 कितनों की बाकि लगान है!!
 सुनो ओ कोरोना तूने जो जहर घोला है
 इसे हम अपने से दूर कर दिखलाएंगे
 यह हिन्द  देश का हिंदुस्तान है
 ना हारा  है,ना हारेगा,इस विपदा से भी जीत हम दिखलायेंगे!!
— राज कुमारी

राज कुमारी

गोड्डा, झारखण्ड