कविता

कोरोना पर भारी दारू का रोग

अजब तमाशा हो रहा
दारू के लिए भाग रहे हैं लोग
कोरोना पर भारी पड़ गया
दारू पीने का यह रोग

मधुशाला में भीड़ है जैसे

बिन दारू मर जायेंगे
लाकड़ाऊन के बाद अब जैसे
सब ठेके बन्द हो जाएंगे
सामाजिक दूरी का ख्याल नहीं
खिड़की पर ऐसे डटे हैं लोग
दारू से डर कर भाग गया हो
जैसे बेदर्द कोरोना रोग
लोग नहीं अब सुन रहे
क्या करे सरकार
दारू पीने वालों की
ठेकों पर भरमार
बिना मास्क और दूरी के
घूम रहे हैं लोग
नहीं समझते कोरोना को
कोई भयंकर रोग
गलतफहमी में मत रहना तुम
बहुत भयानक है यह रोग
उनसे पूछो जिनको हो गया
भुक्त चुके हैं जो कोई लोग
मास्क पहनों दूरी रखो
तभी तो हम बच पाएंगे
बचे रहेंगे तभी तो हम फिर
सबको गले लगाएंगे
— रवींद्र कुमार शर्मा

*रवींद्र कुमार शर्मा

घुमारवीं जिला बिलासपुर हि प्र

One thought on “कोरोना पर भारी दारू का रोग

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    करोना भी नशे में झूमता होगा .

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