धर्म-संस्कृति-अध्यात्मलेख

राम से बड़ा राम का नाम

“नाम पाहरू दिवस निशि, ध्यान तुम्हार कपाट

लोचन निज पद जंत्रित, प्राण जाहि केहि बाट”

लंकानगरी से लौटकर प्रभू श्रीराम को माता सीता की दशा बताते हुए पवनपुत्र हनुमान ने ये वर्णन किया था। वो बता रहे हैं कि दिन रात आपके नाम स्मरण का पहरा है, आपका ध्यान उसका दरवाजा है और उस पर आपके चरणों में लीन आँखों का ताला लगा हुआ है तो प्राण किस रस्ते से बाहर जाएँगे?

बहुत बड़ा मंत्र है ये। प्रभू के चरणों में ध्यान लगाकर उनका निरंतर स्मरण करें तो प्राण रक्षा हो सकती है।

जय श्रीराम