अन्य बाल साहित्य

बाल पहेलियाँ

1 अंत हटे तो काग बनू मैं,
मध्य हटे तो काज ।
प्रथम हटे तो गज कहलाऊँ.
नाम बताओ आज ।

2 प्रथम हटे जंगल बन जाऊं ,
मध्य हटे तो सान
अंत हटे तो साव कहाऊं,
कोयल गाये गान।

3 अंत हटे तो कूल बनू मैं,
प्रथम हटे तो लर ,
ठंडी ठंडी हवा मैं लाऊं,
रहता हर घर पर ।

4 जिसके बिना लगे अधूरा,
पास हो तो लगता पूरा ,
बच्चे बूढ़े और जवान,
चिपके रहते जैसे जान।

5 दूर देश की सैर करता ,
आसमान में उड़ता जाता।

— डॉ . कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव

 

उत्तर 1- कागज 2-सावन ,3-कूलर ,4-मोबाइल फोन ,5 हवाई जहाज

डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव

पिता का नाम-श्री बनवारी लाल श्रीवास्तव शिक्षा -एमएससी ,बीएड, पीएचडी लेखन विधा- कैरियर आलेख ,बाल साहित्य सम्प्रति- शासकीय शिक्षक अन्य -स्तरीय पत्र पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन राव गंज कालपी ,जालौन उत्तर प्रदेश पिन 285204 मोबाइल नंबर945131813 ईमेल om_saksham@rediffmail.com

5 thoughts on “बाल पहेलियाँ

  • डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव

    आभार

  • सविता जे राजपुरोहित

    Very well done…..👍👍

  • डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव

    Thanks

    • डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव

      आभार

Comments are closed.