भजन/भावगीत

ज्योतिर्मय दीप जला देना

हे प्रभो हमारे मन मन्दिर में ज्योतिर्मय दीप जला देना
जीवन में सबके भर प्रकाश खुशियों के फूल खिला देना

परनिन्दा तज सत्संग करें, नित वाणी से सत्कर्म करें
हो बुद्धि विमन हों चरण शरण उर प्रेम प्रकाश फैला देना

सद्भाव जगे सब संशय मिटे कुमार्ग तजें, सद्मार्ग चलें
पथ कंटक हर, कर पथ प्रकाशमय, जीवन पथ सुगम बना देना

तुलसी सूर मीरा कबीर में दिव्य शक्ति प्रकाश भरा जैसे
मानवता का हो कल्याण ईश्वरीय अनुभूति करा देना

तम असत् निराशा मृत्यु हरो और उमंग तेज सत् अमीय भरो
ज्योति से दिव्य ज्योति मिला, सद्गति प्रदान करा देना

— सुधा अग्रवाल

सुधा अग्रवाल

गृहिणी, पलावा, मुम्बई