कविता

वो परिंदे

वो परिंदे जो गांव की मिट्टी की
खुशबू को छोड़
गांव की आबो हवा को छोड़
शहर की तरफ उड़ गए थे
सपनों के शहर में
अपने सपनों को साकार करने
अपनों से दूर ,
दो जून की रोटी और
सपनों का बोझ ढोते
जिये जा रहे थे।
वो पर कटे परिंदे ,
अब वापस लौट रहे हैं।
अपने गांव की ओर
जब शहर की हवाओं में
जहर घुल गया।
अपने गांव की
माटी की खुशबू के लिए
यह परिंदे वापस लौट रहे हैं।
अपने सपनों को लहूलुहान कर
इस शहर को छोड़
वापस अपने गांव लौट रहे।
— कमल राठौर साहिल 

कमल राठौर साहिल

पता - कमल मशीनरी स्टोर , बड़ौदा रोड , रामद्वारा के सामने , शिवपुर , मध्य प्रदेश शिक्षा -एम. ए. हिंदी जन्म दिनांक - 07/08/1980 साहित्यक परिचय - विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविता और गजल प्रकाशित अमेरिका से प्रकाशित हम हिंदुस्तानी यूएसए में रचनाएं प्रकाशित। पुष्पांजलि टुडे , वूमेन एक्सप्रेस दिल्ली, कोलफील्ड मिरर ,पश्चिम बंगाल। दक्षिण समाचार , नव समाचार गुड़गांव , यूथ इंडिया , रवि पथ , विजय दर्पण टाइम्स , दिशेरा टाइम्स, अश्वघोष अखबार, स्वच्छिक दुनिया, और अन्य अखबारों में रचनाएं प्रकाशित सीप में मोती , काव्य प्रभा, ढाई अच्छर प्रेम के , आगाज , कलम की गूंज , स्याही की आवाज़ , (सांझा काव्य संग्रह), प्रकाशित अंतर राष्ट्रीय मासिक पत्रिका अभ्युदय में रचना प्रकाशित ! प्रतिष्ठित मासिक पत्रिका गृह लक्ष्मी, जयदीप , माही संदेश में रचना प्रकाशित । कई साहित्यिक समूह द्वारा सम्मान पत्र प्राप्त । परीचय - समाज सेवा , रक्तदान , शहर की विभिन्न समस्याएं अखबारों के द्वारा उठाना , गौ सेवा , पक्षियों , बेजुबान जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था करना , शहर की स्वच्छता अभियान में भाग लेना , सर्दियों में गरीबों के लिए वस्त्र वितरण करना । इत्यादि समाज सेवा के कार्य 1 - मध्य प्रदेश काव्य श्री सम्मान 2 - अंतरराष्ट्रीय सम्मान पत्र 3 - विश्व भारती हिंदी सम्मान पत्र 4 - सकल पंच राठौर समाज इंदौर सम्मान मोबाइल नंबर - 9685907895 ईमेल - rathore777kk@gmail. com