वक़्त के पास
इन दिनों मुश्किलों की
लंबी कतार है …
नित नये संक्रमणों के साथ,
आँधी-पानी और तूफ़ान भी है !
कहती है उम्मीद तभी
कानों के पास आहिस्ता से,
डरकर भी लड़ी है, जंग कोई किसी ने
संभल कर चलो, हिम्मत बनो
किसी उदास मन को
एक मुस्कान देकर,
दुआओं के कुछ बोल सौंप दो
जिंदादिली से, देखना तुम
गुज़र जाएगा ये वक़्त,
तमाम मुश्किलों की
आँखों मे आँखे डालकर !!!
सीमा सिंघल 'सदा'
जन्म स्थान :* रीवा (मध्यप्रदेश)
*शिक्षा :* एम.ए. (राजनीति शास्त्र)
*लेखन : *आकाशवाणी रीवा से प्रसारण तो कभी पत्र-पत्रिकाओ में प्रकाशित होते हुए मेरी कवितायेँ आप तक पहुँचती रहीं..सन 2009 से ब्लॉग जगत में ‘सदा’ के नाम से सक्रिय ।
*काव्य संग्रह : अर्पिता साझा काव्य संकलन, अनुगूंज, शब्दों के अरण्य में, हमारा शहर, बालार्क .
*मेरी कलम : सन्नाटा बोलता है जब शब्द जन्म लेते हैं
कुछ शब्द उतरते हैं उंगलियों का सहारा लेकर
कागज़ की कश्ती में नन्हें कदमों से 'सदा' के लिए ...
ब्लॉग : http://sadalikhna.blogspot.in/
ई-मेल : [email protected]
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