कविता

वो ही पथ प्रदर्शक

वो ही पथ प्रदर्शक
वो सर्व ज्ञान दाता
हर मानव के भीतर
ज्ञान प्रकाश फैलाता
इंसान होने का वो
अर्थ हमें बतलाता
जीवन के चौराहे पर
सही राह दिखलाता
उस राह ले जाने को
वो सारथी बन जाता
गुरुपूर्णिमा दिवस पर
सादर नमन मैं करता
— आशीष शर्मा ‘अमृत ‘

आशीष शर्मा 'अमृत'

जयपुर, राजस्थान