कविता

नई कहानी

चलो चलें हम फिर से एक नई कहानी लिखने
नई सोच व नए जोश से नया इतिहास लिखने
सर्वसम्पन्न हैं हम और अतिविश्वास है साथ में
ख्वाब हैं आसमानी,संग हौसला भी है साथ में
बढ़ चले हैं हम नए दौर की नई मिसाल बनने
जो हम पे हँसते आए,अब उनका आदर्श बनने
माना हम धनी नहीं पर हिम्मत है बहुत पास में
हर ख्वाब पूरा करने को ज़िद बहुत है पास में
सभी की हमने सुन ली अब अपनी बात कहने
इतिहास हम सुन चुके,भविष्य की कहानी कहने
— आशीष शर्मा ‘अमृत’

आशीष शर्मा 'अमृत'

जयपुर, राजस्थान