भजन/भावगीत

माँ शक्ति दे मुझे भक्ति दे

माँ शक्ति दे मुझे भक्ति दे।
जीवन ज्योत की हस्ती दे।
तेरे चरणों की  फूल बनूँ।
दे आशीष दिव्य ज्योत बनूँ ।
स्वर्ण सा तप, उपहार बनूँ
कुंदन सा  गले का हार बनूँ।
महके जीवन ऐसा, फूल दे माँ।
मुझको  चरणों की धूल दे माँ।
न भटकूँ ऐसी राह दे माँ।
तू ऐसा मुझे प्रसाद दे माँ।
तेरे द्वार पर मैं नत मस्तक,
तू कृपाण का दे अंगरक्षक।
न मांगू तुझसे हीरे मोती
मुझको अपना अहसास दे माँ।

— लता नायर

लता नायर

वरिष्ठ कवयित्री व शिक्षिका सरगुजा-छ०ग०