कविता

नारी नहीं है पहेली

नारी नहीं है पहेली
अगर,
तो माँ रूप में !
माँ मतलब
कुंती भी, मरियम भी,
द्रोपदी-गांधारी भी,
कैकेयी भी, पुतली भी,
देवकी-यशोदा,
तो कंश की माता भी,
कमला कौल भी,
हीराबेन भी,
चंबल के डकैतों की माँ भी,
भरतवत्सला मंथरा भी,
फूलन देवी की माँ भी,
या राष्ट्रमाता भी,
मदर टेरेसा भी,
तो फाँसी पर चढ़ गए
हत्यारे, अपराधी..
इत्यादि की माँ भी,
माँ मतलब
चाहे विवाहिता हो
या लिव इन रिलेशनवाली
या अविवाहित माँ हो
या कचरे के डब्बे में
फेंके गए नवजातों की माँ हो
या बछड़े की माँ हो
या कुत्ते के पिल्ले की मां..
माँ मतलब
आदरणीया होती हैं,
श्रद्धेया होती हैं !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.