कविता

आगाज़

इन अंधेरों को बोलिए
रोशनी का आगाज़ करें।
इन नफरतों को बोलिए
मोहब्बत का इजहार करें
इन दुखों को बोलिए
सुखों का आगाज़ करें।
इन ग़मो को बोलिए
इश्क का थोड़ा इजहार करें।
इन तारों को बोलिए
हमारे चांद का आगाज़ करें।
इन परवानों को बोलिए
जलने से पहले
आपने राग को अनुराग करें।
इन मुर्दों को बोलिए
जलने से पहले
नफरत को छोड़कर
मोहब्बत का आगाज़ करें।

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- Rajivdogra1@gmail.com M- 9876777233