स्वास्थ्य

वर्ल्ड डायबिटीज डे: डायबिटीज केयर तक पहुंच

जब से पिछले वर्ष कोरोना वायरस से संक्रमण की महामारी के प्रकोप से हम लोग झेल रहे है, विश्व में रहने सहने, खाने पीने में बहुत सा बदलाव आ गया है। कंप्यूटर और मोबाइल पर बच्चो की पढ़ाई से लेकर इ कॉमर्स और बहुत से क्षेत्रो में वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ गया है । यहाँ तक की किसी डॉक्टर से परामर्श भी व्हाट्सप्प, मोबाइल और वीडियो कॉल से होने लगा है । 24 मार्च 2020 में लॉक डाउन के बाद मैंने एक वृद्ध आश्रम में जहाँ मैं कंसलटेंट के रूप में काम करता था से रिजाइन कर दिया और औरों की तरह अपने मरीज़ों को इ परामर्श देने लगा, जो आज तक चल रहा है।

कुछ दिन पहले एक ऐसे ही मरीज़ ने अपने पैर के ज़ख्म, जो कही कही पर नीले रंग का होने लगा था की कुछ तस्वीरें भेजी। फिर कुछ देर बाद उसका फ़ोन आया और बताया की यह ज़ख्म पिछले तीन सप्ताह से है जो इलाज के बावजूत ठीक ही नहीं हो रहा।

मैंने कुछ प्रश्न किये और उनके उत्तर कुछ इस प्रकार है ।

” आपके माता पिता या परिवार में किसी को मधुमेह की शिकायत है ?”

” नहीं, डॉक्टर साहिब। ”

“आपको भूख  कितनी लगती है ?”

डॉक्टर साहिब, मैंने कुछ ध्यान तो नहीं दिया, ” फिर पल कुछ सोच कर कहा, ” हाँ डॉक्टर साहिब, कुछ महीनो से भोजन करने के बाद भूख लगने लग जाती है और बार बार प्यास लग जाती है। ”

” रात को आप कितनी बार पेशाब करने के लिए उठते है ?”

” 3 या 4 बार ”

मैंने उनसे कहा, ” यह लक्षण तो डायबिटीज के है। आपका ब्लड प्रेशर कितना है ? वजन कितना है ? शराब सिगरेट पीते है ? अंडा मीट खाते है ? रात को कितने बजे सोते है ? ” ऐसे ही मैंने उनसे कई सवाल किये ?

जब उन्होंने कहा की, वो शराब और सिगरेट पीते है, खाने में जंक फ़ूड और नॉन वेज अक्सर कहते है, ब्लड प्रेशर 140/90 है, कभी कभी हाई हो जाता है, लाइफ में बहुत स्ट्रेस है तो मैंने कहा, ” आप खाली पेट अपना ब्लड शुगर और HbA1C , LFT , RFT और अपनी LIPID प्रोफाइल और URINE की जांच कराये। पैर की उँगलियों पर पटी बाँध ले और खुले मुँह वाली स्लीपर पहने। शाम तक या कल तक रिपोर्ट आ जाएँगी तो मुझे व्हाट्सअप पर भेज दे। ”

वही हुआ जिसका मुझे डर था। उनके ब्लड शुगर 432 और HbA1C 8 था जो औसतन लेवल से बहुत अधिक था, लिपिड और लिवर के एंजाइम भी बड़े हुए थे और क्रिएटिनिन बॉर्डर लाइन पर था।

मैंने बताया की उनको डायबिटीज यानी मधुमेह की बिमारी है, जिससे उनके पैर का ज़ख्म ठीक नहीं हो रहा था। और वो हाई रिस्क पर है

मैंने उनको व्हाट्सप्प पर दवाई लिखी और अपने खाने पीने और जीवन शैली बदलने का निर्देश दिया।

मैंने उनसे कहा, ” आपको शराब सिगरेट बिलकुल बंद करनी है, नॉन वेज और जंक फ़ूड से परहेज करे, घर का खाना खाये और नमक घी का सेवन काम करे और चीनी तो बिलकुल नहीं। टाइम पर सोये और हर रोज़ काम से काम सैर करे। फिर 10 दिनों बाद ब्लड शुगर टेस्ट करवाए। ”

भारत में डायबिटीज एक महामारी का रूप ले रहा है। देश में 7 करोड़ से ज्यादा व्यसक के करीब डायबिटीज से ग्रस्त है। दवाई, परहेज़ और जीवन शल्ल्य में बदलाव सबसे जरूरी है अगर इस बीमारी और उससे होने वाली कॉम्प्लीकेशन्स से बचना है।

आज वर्ल्ड डायबिटीज डे है जिसकी थीम है, ” डायबिटीज केयर तक पहुंच। ”

आइये, डायबिटीज के प्रति जागरूक बनिए और इसकी स्क्रीनिंग करवाइये। क्या पता जाने अनजाने हम में से किसी को हो।

— डॉक्टर अश्विनी कुमार मल्होत्रा

डॉ. अश्वनी कुमार मल्होत्रा

मेरी आयु 66 वर्ष है । मैंने 1980 में रांची यूनीवर्सिटी से एमबीबीएस किया। एक साल की नौकरी के बाद मैंने कुछ निजी अस्पतालों में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के रूप में काम किया। 1983 में मैंने पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज में बतौर मेडिकल ऑफिसर ज्वाइन किया और 2012 में सीनियर मेडिकल ऑफिसर के पद से रिटायर हुआ। रिटायरमेंट के बाद मैनें लुधियाना के ओसवाल अस्पताल में और बाद में एक वृद्धाश्रम में काम किया। मैं विभिन्न प्रकाशनों के लिए अंग्रेजी और हिंदी में लेख लिख रहा हूं, जैसे द इंडियन एक्सप्रेस, द हिंदुस्तान टाइम्स, डेली पोस्ट, टाइम्स ऑफ इंडिया, वॉवन'स एरा ,अलाइव और दैनिक जागरण। मेरे अन्य शौक हैं पढ़ना, संगीत, पर्यटन और डाक टिकट तथा सिक्के और नोटों का संग्रह । अब मैं एक सेवानिवृत्त जीवन जी रहा हूं और लुधियाना में अपनी पत्नी के साथ रह रहा हूं। हमारी दो बेटियों की शादी हो चुकी है।