कविता

बचपन के पल

कागज़ के जहाज़ बचपन मे खूब उड़ाये थे।
कागज की नावों को पानी मे खूब तैराये थे।।
बात बात पर जिद करना,और अड़े रहना।
न जाने ये हमको किसने सिखलाये थे।।
पापा के कंधों पर मीलों दूर सफर करना।
मम्मी की गोदी में हमने लाड़ प्यार पाये थे।।
त्योहारों पर नये कपड़े लाना और इतराना।
दोस्तों में अपना इम्प्रेशन जमाये थे।।
गिल्ली डंडा सतोलिया खो खो में वक़्त बिताये थे।
सोलहसार अष्टा चंगा खेल में अव्वल आये थे।।
टोली बना मित्रों की शादी में डांस घुमाये थे।
नागिन डांस और घूमर में नाम कमाये थे।।
खेतों की पगडंडियों पर सरपट सरपट दौड़े थे।
बच्चे थे हम जब भी भाई कभी न खटपट करते थे।।
ईमली तोड़ कितनी ही खा लेते खट्टी कभी न कहते थे।
कदम्ब की डालों पर भैय्या खेल रोज ही खेलते थे।।
— डॉ. राजेश पुरोहित

राजेश पुरोहित

पिता का नाम - शिवनारायण शर्मा माता का नाम - चंद्रकला शर्मा जीवन संगिनी - अनिता शर्मा जन्म तिथि - 5 सितम्बर 1970 शिक्षा - एम ए हिंदी सम्प्रति अध्यापक रा उ मा वि सुलिया प्रकाशित कृतियां 1. आशीर्वाद 2. अभिलाषा 3. काव्यधारा सम्पादित काव्य संकलन राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में सतत लेखन प्रकाशन सम्मान - 4 दर्ज़न से अधिक साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित अन्य रुचि - शाकाहार जीवदया नशामुक्ति हेतु प्रचार प्रसार पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य किया संपर्क:- 98 पुरोहित कुटी श्रीराम कॉलोनी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान पिन 326502 मोबाइल 7073318074 Email 123rkpurohit@gmail.com