राजनीति

हिन्दी है हम, वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत जी ने बहुत ही सोचनीय और गहरी बात कही है कि, हिन्दू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना​ हिन्दू नहीं। आज हिन्दुत्व खतरे में है। धर्म परिवर्तन करवाने वालों की और कुछ पैसों के बदले में और लालच में आकर धर्म परिवर्तन करने वालों की कमी नहीं। आज हिन्दुओं में एकता का भी अभाव दिख रहा है। सच पूछो तो सारे भारत वासियों को एक सूत्र में बंध कर हिन्दुवावादी नेताओं का समर्थन करना चाहिए। अपने आने वाली पीढ़ी को अगर इस्लाम की गुलाम नहीं बनानी है तो हिन्दुओं जागो और अपने धर्म और हिन्दुवावाद की रक्षा करो। कम से कम दो बच्चे पैदा करो वरना अपने ही देश में अल्पसंख्यक की श्रेणी में रख दिए जाओगे।
मोहन भागवत जी ने ग्वालियर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत टूटा, पाकिस्तान हुआ क्योंकि हम इस भाव को भूल गए कि हम हिन्दू हैं, वहां के मुसलमान भी भूल गए। खुद को हिन्दू मानने वालों की पहले ताकत कम हुई फिर संख्या कम हुई, इसलिए पाकिस्तान भारत नहीं।  हिन्दू और भारत अलग नहीं हो सकते हैं, भारत को भारत रहना है तो भारत को हिन्दू रहना ही पड़ेगा। हिन्दू को हिन्दू रहना है तो भारत को अखंड बनना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ये हिन्दुस्तान है और यहां परंपरा से हिन्दू लोग रहते आए हैं जिस-जिस बात को हिन्दू कहते हैं उन सारी बातों का विकास इस भूमि में हुआ है। भारत की सारी बातें भारत की भूमि से जुड़ी हैं। स्वतंत्रता के पहले अंग्रेजों से लड़ने के लिए जोश की आवश्यकता थी, लेकिन फिर सोचा कि जब जोश से आजादी मिल जाएगी तो फिर निर्माण की जरूरत होगी। इसीलिए होश वाले तैयार किये गए। जब से देश में जोश वालों के साथ साथ होश वाले लोग बढ़े हैं, तब से देश के अधिक अच्छे दिन आ गए हैं, न बम धमाके होते है, न दुश्मन देश का प्रभुत्व रहा है।
मोहन भागवत जी ने कहा कि हिन्दू धर्म चार मूल्यों पर आधारित जीवन है। भारत से हिन्दू को अलग करके इतिहास हो नहीं सकता, उन्होंने कहा कि हिन्दू की संख्या कम हो गई, ताकत कम हो गई, नाम के हिन्दू रहे तो क्या फायदा। सर्कस में हाथी फुटबाल खेलता है, लेकीन गोल्ड मेडल नहीं मिलता। शेर सर्कस में राजा नही होता जंगल में ही राजा होता है। भारत हिन्दुस्तानीओं का जंगल है, यहाँ गीदड अपने पैर पसारे उससे पहले अपने हक के किले को महफ़ूज़ कर लो। एक बनों और अपनेपन से हिन्दुत्व की रक्षा करो। हमारी सर ज़मीं पर हमारा एकाधिकार है, भारत हिन्दु राज्य है अगर दूसरी कोम को यहाँ पर रहना है तो शांति पूर्ण रूप से भारत को अपना समझकर रहना होगा। लोगों को भड़का कर देश में अशांति फैलाने वाले इस देश के नागरिक नहीं हो सकते। इसलिए एकता की ताकत को पहचानों और देश के अखंडता यज्ञ में अपना योगदान दो। हमारा भारत महान था, महान है और महान रहेगा। अगर हम भारत को टूटने नहीं देंगे। इसलिए अपने ही भाई की टांग खींचना बंद करो एक दूसरे का सहारा बनों और भाईचारे की भावना से देश को बांटने वालों को मुँह तोड़ जवाब दो तभी हम हिन्दुत्व को बचा पाएंगे।
— भावना ठाकर ‘भावु’ 

*भावना ठाकर

बेंगलोर