कविता

रिश्ते

खट्टे – मिठे से स्वाद के होते हैं रिश्ते
विश्वास की नींव पर टिके होते हैं रिश्ते
खुशी हो या गम संग आंसू बहाते हैं रिश्ते
दुख- सुख को बांट संग मुस्कुराते हैं रिश्ते।
रिश्तों का कोई मोल नहीं, अनमोल होते हैं रिश्ते।
खट्टे-मिठे से स्वाद के होते हैं रिश्ते।
सरहद की सीमाओं में नही बांधे जा सकते हैं रिश्ते।
झूठ और मतलब की परिभाषाओं में नहीं ढाले जा सकते हैं रिश्ते,
समर्पण और त्याग की बुनियाद होते हैं रिश्ते।
खट्टे-मिठे से स्वाद के होते हैं रिश्ते।
— मृदुल शरण