बाल कविता

बाल गीत

नई उमंगें साथ लिए ,
नव वर्ष अब आया है।
बहुत कठिन था साल पुराना,
छायी थी अंधियारी ।
दुर्भाग्य ने सबको घेर लिया
आई  थी लाचारी ।।
डर , चिंता आतंक ने
सबको बहुत सताया है।
नई उमंगें साथ लिए ,
नव वर्ष अब आया है।।1।।
आतंक रूपी कोरोना से,
सबको आफत आयी।
जाने कितने चले गए ,
सब देने लगे दुहाई ।।
कोरोना रूपी दानव ने
आतंक बहुत मचाया है ।
नई उमंगें साथ लिए ,
नव वर्ष अब आया है।।2।।
सब मिलजुल कर एक हुए,
नीति नयी अपनाई ।
सबने मुँह में मास्क पहन,
नई दिशा दिखलाई ।।
वैक्सीन औऱ होशियारी से
कोरोना को दूर भगाया है।
नई उमंगें साथ लिए ,
नव वर्ष अब आया है।।3।।
साथ रहेंगें हम सब मिलकर
गीत खुशी का गाएंगें ।
नया जोश साथ में लेकर,
नव विकास हम लायेंगें ।।
आगें बढ़ते जायेगें हम ,
कोई रोक न पाया है ।
नई उमंगें साथ लिए ,
नव वर्ष अब आया है।।4।।

डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव

पिता का नाम-श्री बनवारी लाल श्रीवास्तव शिक्षा -एमएससी ,बीएड, पीएचडी लेखन विधा- कैरियर आलेख ,बाल साहित्य सम्प्रति- शासकीय शिक्षक अन्य -स्तरीय पत्र पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन राव गंज कालपी ,जालौन उत्तर प्रदेश पिन 285204 मोबाइल नंबर945131813 ईमेल om_saksham@rediffmail.com