हे! नववर्ष
क्या साथ लाए हो अपने?
ढ़ेरों खुशियाँ
उपहार, उमंग, अच्छाइयाँ,
गर नहीं
तो मैं नहीं कहूँगा नववर्ष
न ही करुँगा स्वागत
बेवजह ही
मैं बस पढ़ता रहूँगा
पुराने वर्ष की अथक कथाएँ
कई महीनों तक
आज की
कल की
पल पल की|
अशोक बाबू माहौर
हे! नववर्ष
क्या साथ लाए हो अपने?
ढ़ेरों खुशियाँ
उपहार, उमंग, अच्छाइयाँ,
गर नहीं
तो मैं नहीं कहूँगा नववर्ष
न ही करुँगा स्वागत
बेवजह ही
मैं बस पढ़ता रहूँगा
पुराने वर्ष की अथक कथाएँ
कई महीनों तक
आज की
कल की
पल पल की|
अशोक बाबू माहौर
मर्लिन मुनरो राजनीति में ! सुंदरतम देह्यष्टि की मल्लिका सुंदरतम नैना अभिराम ! एक समय अमेरिकी राजनीति को तहस-नहस कर दी ! एक अमरीकी राष्ट्रपति की ब्लू आइड थी ! माफ करेंगे प्यारे जॉन एफ कैनेडी महोदय ! मर्लिन वहाँ की प्रथम महिला राष्ट्रपति बनते-बनते रह गयी ! पर 36 की आयु में ही विवादास्पद […]
सारा खेल है दो जून की रोटी का कोई दिन भर रहता परेशान है तोड़ता है हाड़ अपने इसको पाने की जुगत में कोई होटलों में जाकर बचा छोड़ देता है तश्तरी में इन्हें फैंकने को कूड़ेदान में देखो कैसा मुक्कदर है आदमी का कोई तरसता है इसे पाने को कोई खाके दो कौर छोड़ […]
आज का अधूरा सत्य यही है कि हमें आप पर विश्वास है आप पर पूरा भरोसा है, मगर मन के कोने में अविश्वास का भी डेरा है। जितना विश्वास है, उतना ही अविश्वास भी है आँख बंदकर जो भरोसा करने की बात करते हैं वो वास्तव में आपको बरगलाते हैं अपने मन के सत्य […]