कविता

स्वामी विवेकानंद के विचार

युवा सन्यासी तत्वदर्शी
स्वामी विवेकानंद के
विचारों का आप भी
अनुसरण तो कीजिए,
स्वामी जी के विचारों पर
चिंतन मनन कीजिये।
अपना ही नहीं परिवार, समाज
राष्ट्र और संसार का भला कीजिये।
स्वामी का ये विचार भी तो जान लीजिये
उठो जागो और तब तक न रुको
जब तक लक्ष्य न हासिल हो जाये,
खुद को कमजोर समझने का
पाप कभी मत कीजिये,
तुम्हें खुद पढ़ना होगा
तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता
क्योंकि आत्मा से बड़ा
कोई शिक्षक भला कहाँ होता?
कहने के रास्ते अनेक होते हों
पर सत्य सदा एक ही रहेगा,
हमारा बाहरी स्वभाव बड़ा रुप है
हमारे आंतरिक स्वभाव का।
आँखें बंदकर अंधकार का
कभी भी रोना मत रोइए,
क्योंकि हमारे भीतर
शक्तियाँ ब्रह्मांड की
पहले से ही समाई हैं।
व्यायामशाला है विश्व
खुद को मजबूत बनाने
आते हैं हम सब यहां,
दिल दिमाग के टक्कर में
दिल का अपने कहना मानो।
मृत्यु है द्वेष, संकुचन, निर्बलता
जीवन है प्रेम, विस्तार और शक्ति,
किसी काम में समस्या न हो तो
घमंड में चूर मत हो जाओ,
कुछ तो राह गलत है
यह सुनिश्चित है जान जाओ।
स्वामी जी के विचारों का
आप सबको जीवन में उतारना है
सही राह पर चलकर
जीवन सफल बनाना है,
स्वामी जी के आदर्शों को
हम सबको अपनाना है,
हर इंसा के भीतर ईश्वर
यह बात हमें जानना है,
जो चीज बंद रहेगी जितनी
उतनी धूमिल पड़ जाना है।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921