“यूएस वूमन फील्ड मैराथन में किएरा की रिकॉर्ड तोड़ दौड़”
“यूएस वूमन फील्ड मैराथन में किएरा ने साल 2006 में Deena Kastor के रिकॉर्ड को 30 सेकेंड्स से तोड़ा”
“कभी निराश किएरा ने निराशा के बंध तोड़ दिए”
अमेरिका के सभी समाचार पत्र किएरा की अद्भुत सफलता की सुर्खी से सुशोभित थे.
स्वभावतः किएरा बहुत खुश और रोमांचित थी. किएरा ही नहीं, उसके परिवारीजन और दोस्त भी बहुत प्रसन्न थे. इधर किएरा के रिकॉर्ड तोड़ सफलता की उद्घोषणा की जारही थी, उधर किएरा को 2008 की स्मृति में खोई हुई थी, जब उनके टखने की सर्जरी हुई थी.
टखने की सर्जरी के बाद उनकी दौड़ का सिलसिला रुक गया था. किएरा इस सिलसिले को समाप्त नहीं करना चाहती थी, इसलिए वह मन-ही-मन दौड़ रही थी.
इधर उसके चाहने वालों ने भी उसकी इस उम्मीद को कायम रखने का भरसक प्रयास किया था.
“अपने सपनों का पीछा करना मत छोड़ो.” दोस्तों ने कहा था.
“बुरा वक्त आया है, वक्त जाएगा भी.” परिवारीजनों का सद्परामर्श था.
“उम्र महज एक नंबर होता है, इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने साल के हो.” उनके बच्चों ने ढाढ़स बंधाया था.
“अब सब कुछ खत्म हो गया. उम्र हो गई, अब कुछ नहीं हो सकता.” कभी-कभी उसे लगता था.
“जो लोग ऐसे में सपनों को फॉलो करना छोड़ देते हैं वो वहीं फुल स्टॉप हो जाते हैं, लेकिन जो धीरे-धीरे बढ़ते रहते हैं रुकते नहीं वो अपनी सफलता की कहानी से दूसरों को प्रेरित कर जाते हैं.” उनके कोच अक्सर उसे प्रोत्साहित करते हुए कहते थे.
“यूएस वूमन फील्ड मैराथन में रिकॉर्ड बनाया है. उन्होंने 42.1 किलोमीटर की मैराथन को 2:19:12 में पूरा किया है और साल 2006 में Deena Kastor के रिकॉर्ड को 30 सेकेंड्स से तोड़ा.” मंच पर हुई उद्घोषणा से हो रही तालियों की गड़गड़ाहट से किएरा की तंद्रा भंग हुई.
“किएरा से अनुरोध किया जाता है, कि वे मंच पर आकर सम्मान ग्रहण करें.”
किएरा ने सम्मान को सम्मानित किया था.
निराशा के बंध टूट चुके थे.