कविता

सुकून

सुकून एक भाव है
एक अहसास है,
बस महसूस करिए।
सुकून आप खरीद नहीं सकते
बेच नहीं सकते, दे नहीं सकते
बस अहसास कर सकते हैं
कोशिश कर और करा सकते हैं।
आप कोशिश जरूर करें
पर जब तक खुद से बोध नहीं होगा
सुकून भी अधमरा सा होगा।
सुकून दिल से होता है
कोई भूखा नंगा होकर भी
सुकून से दिन गुजारता है,
कोई सोने के चम्मच से खाकर भी
सदा ही बेचैन रहता है,
सुकून तलाशते तलाशते
सौ सौ रोग लगा लेता है,
सुकून फिर भी नहीं पाता है,
क्योंकि सुकून का मतलब
समझ ही नहीं पाता है
सुकून खोजते खोजते
आखिर दम तोड़ देता है।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921