राजनीति

स्वदेशी सत्ता

विदेशी सत्ता से स्वदेशी सत्ता हस्तांतरण 15 अगस्त 1947 को हुई थी, इस दिन अंग्रेजी सत्ता के कुटीलों ने भारत को इसतरह विभाजित कर डाले कि भारत के 2 विपरीत दिशा में 1 नया देश ‘पाकिस्तान’ हो गया । जो पूर्वी तरफ था, वो पूर्वी पाकिस्तान, जो पश्चिम तरफ था, वो पश्चिम पाकिस्तान।

इसतरह से भी कोई देश होते हैं, इससे तो पाकिस्तान को जासूसी का बहाना मिल गया ! कहा यह भले ही गया कि यह धर्म के नाम पर बँटवारा था, किन्तु 16 दिसम्बर 1971 के दिन पता चल गया कि धर्म पर भी संस्कृति भारी रही।

जिस इस्लाम की दुहाई देकर पाकिस्तान बना था, वो फ़ॉर्मूला 25 साल भी चल नहीं पाया । एक आख्यानानुसार पूर्णिया, बिहार से संबंध रखनेवाला शेख मुजीबुर्रहमान की पार्टी ‘अवामी लीग’ ने जब बहुमत प्राप्त किया, तब उन्हें पश्चिम पाकिस्तान के आकाओं ने प्रधानमंत्री बनने नहीं दिया और धोखे से नज़रबंद कर लिया, तब मुज़ीब ने बांग्ला संस्कृति के तहत ‘जय बांग्ला’ अभियान के तहत भारत से गुहार लगाए।

तब भारत ने न केवल मदद की, अपितु बंगाली महिला और युवतियों पर पाकिस्तानी फौजियों के द्वारा कुत्सित कृत्य पर तत्कालीन भारत सरकार ने भारतीय सैनिकों को एतद रक्षार्थ आदेशित किया, परिणाम 16 दिसम्बर तक लेकर गया और भारत के सदप्रयास से पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा ‘पाकिस्तान’ से आज़ाद हो नया देश ‘बांग्ला देश’ के रूप में अस्तित्व में आया।

तब भारतीय सैनिक पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तान) के लाहौर तक घुस गए थे, चाहते तो पश्चिमी हिस्सा फिर भारत का हो जाता ! लगभग 1 लाख पाकिस्तानी फौजों को भारतीय सैनिकों ने हथियार डालने पर मजबूर कर दिया था और सभी को भारतीय सैनिकों ने बंदी बना लिए थे।

आज भी पाकिस्तान इस घटना को भूला नहीं है, लेकिन यह घटना दिखा गया कि धर्म से भी भारी संस्कृति होती है, जो कि बांग्ला संस्कृति ने दिखा दी । इसतरह से 16 दिसम्बर को तीनों देश अपने-अपने ढंग से याद करते हैं।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.