बाल कविता

एक दादी की दुआएं

प्रिय पोते ,
तुम फूलों की तरह कोमल हो,
पर तुम्हारा सीना फौलाद की तरह मज़बूत हो.
तुम फूलों की तरह सुन्दर हो,
पर तुम्हारा दिल उससे भी अधिक खूबसूरत हो.
तुम फूलों की तरह महकीले हो,
पर तुम्हारे काम से सम्पूर्ण जगत ही महकीला हो.
तुम फूलों की तरह बगिया की शान हो,
पर तुम्हारी शान आसमान से भी अधिक बुलंद हो.
मुझे पूरा विश्वास है प्रिय पोते,
कि
समझदारी से तुम फूलों की तरह,
कांटों की परवाह न करते हुए,
जिस पथ पर चलोगे,
वह रास्ता फूलों की सेज बन जाएगा.
अगर एक हेयर ड्रेसर गलती करे,
तो वह नया स्टाइल कहलाता है,
अगर एक ड्राइवर गलती करे,
तो वह नया रास्ता बन जाता है,
अगर एक नेता गलती करे,
तो वह नया कानून बन जाता है,
अगर एक टेलर गलती करे,
तो वह नया डिजाइन बन जाता है,
अगर एक टीचर गलती करे,
तो वह नई थ्योरी कहलाती है,
अगर एक बॉस गलती करे,
तो वह नया आइडिया हो जाता है,
मुझे पूरा विश्वास है कि,
आज के कम्प्यूटर युग में जन्मे-पले-बढ़े,
प्रिय पोते ,
तुमसे अगर माउस क्लिक करने में कोई गलती हो गई तो,
साइंटिस्ट की तरह एक नया आविष्कार हो जाएगा.
तुम्हारी दादी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244