स्वरकोकिला
मां सरस्वती पुत्री
कंठ भारती।
++
संघर्ष भरा
जीवन था जिसका
निखरा सोना।
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हार न मानी
हृदयनाथ लाड़ली
सुरोंस्व
स्वरकोकिला
मां सरस्वती पुत्री
कंठ भारती।
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संघर्ष भरा
जीवन था जिसका
निखरा सोना।
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हार न मानी
हृदयनाथ लाड़ली
सुरोंस्व
मां का दुलार अमृत की फुहार भिगो दे मन मां का सम्बल बढ़ा दे आत्मबल छटे निराशा अधूरी आस पूरी होने की चाह मां की आंखों में मां की झिड़की शहद सी मधुर रस बिखेरे मां का व्यक्तित्व शांत सरल सौम्य दे शीतलता मां की शिक्षाएं पार जीवन नैया हर कदम समग्रता से तूफानों से […]
卐 जय माँ शारदे 卐 हायकू = बारह मासा =====[1]========= चैत्र कृषक अनाज प्राण सम हर्षित मन/ ====[2]========= वैशाख मास आताप विकराल जरत धरा / ====[3]========= ज्येष्ठ महीना पवन बहत है लौ विकराल / ====[4]======== आया अषाढ़ झूमि-झूमि बादल बरसे पानी/ ===[=5=]======= सावन मेघ व्योम मे सजधज खेलत होली/ ===[6]========= भादों लावत काली-काली बदरी नाहि […]
सत्रह वर्ण जापान का साहित्य हायकू विधा । =============== तीन पंक्तियाँ पाँच सात औ पाँच पूरित भाव । ================= भाव बसंती भारतीय त्रिवेणी गंगा जमुनी । शुभप्रभात मित्र अभिनन्दन माथे चंदन । डमरू ज्ञान पिरामिड त्रिवेणी माहिया प्राण। समयाभाव कलियुग प्रभाव छोड़ दुराव । =============== मधुर बोल शब्द शब्द को तोल छोड़ दे झोल । […]