सामाजिक

जिम्मेदार नागरिक बनो

सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है जहाँ पर लोग अच्छी बातों को अपनाते कम है, हर घटना का प्रचार करने में माहिर बनते जा रहे है। कुछ वीडियो को देखकर मन में कई सवाल उठते है की क्या हम कायर है, या विडियो बनाने के शौक़ीन है, या समाज में जो अवैधानिक घटनाएं होती है उनको नज़र अंदाज़ करने में माहिर है? हम सच में डरपोक होते जा रहे है। कुछ दिन पहले गुजरात के सूरत शहर में एक पागल आशिक लड़के ने ग्रीष्मा नाम की लड़की का सरेआम कत्ल कर दिया। उस वक्त वहाँ पर बहुत सारे लोग मौजूद थे और आराम से उस घिनौनी घटना का विडियो बनाने में व्यस्त थे। पर किसीको भी ये खयाल नहीं आया की पीछे से जाकर उस लड़के को पकड़ ले और कम से कम उस लड़की को बचाने की कोशिश तो करें। माना उसके पास चाकू था पर अगर  सारे लोगों ने मिलकर हिम्मत की होती तो शायद वो लड़की आज ज़िंदा होती। खैर अब उन सारी बातों का कोई मतलब नहीं रहा। शायद उस किस्से को देखकर ये सोचा होता की आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए, तो वापस ऐसा ही हादसा न हुआ होता। पर लोगों ने ग्रीष्मा वाली विडियो को इतना वायरल किया की इस विडियो ने ऐसी घटिया मानसिकता वाले लड़कों को उकसाने का काम किया और सौराष्ट्र के वेरावल शहर में ऐसी ही एक ओर घटना ने जन्म लिया। खैर इसमें तो लड़की बच गई। कहने का मतलब ये है की हम किसी भी गलत घटना से सीख नहीं लेते, बल्कि उसे बढ़ावा देने का काम करते है। ऐसी विडियो बनाकर फेसबुक वाट्सएप पर धड़ाधड़ अपलोड कर देने से लोगों पर अच्छा-बुरा हर तरह का प्रभाव पड़ता है। घटिया मानसिकता वाले लोगों को ऐसी विडियो से किसीके साथ गलत करने की प्रेरणा मिलती है। पर हम तो ऐसी विडियो बनाकर खुद को महान समझ लेते है। सोचो विडियो बनाने से ज़्यादा जरूरी उस वक्त क्या होता है? काश की वही उर्जा हम उस हादसे को रोकने में खर्च करते। माना की सब डर की वजह से ऐसी बातों में पड़ना नहीं चाहते, पर सोचिए इस लड़की की जगह आपका अपना कोई होता तब भी क्या आप विडियो बनाने पर ज़्यादा ज़ोर देते, उसे बचाने की कोशिश तक नहीं करते?
इससे पहले भी सूरत में एक ट्यूशन क्लास में आग लगी तब लोग विडियो बनाए जा रहे थे, पर कोई भी उपर से गिर रहे लड़कों को बचाने के लिए आगे नहीं आ रहे थे। ये कैसे समाज में जी रहे है हम। हमारे भीतर की इंसानियत मोबाइल जैसे मशीन जितनी छोटी हो गई  है, हम किसीके साथ हो रहे गलत का विडियो बनाकर मजा ले सकते है पर उसे बचाने से कतरा जाते है। हमारे भीतर संवेदना मर चुकी है, ऐसी विडियो देखकर पीड़ा का अनुभव करने की बजाय ऐसी विडियो को हर कोई रसप्रद समाचार की तरह फैलाने में लग जाते है।
देश के एक जिम्मेदार नागरिक का फ़र्ज़ बनता है की ऐसी विडियो हमारे पास आती है तो फॉरवर्ड-फॉरवर्ड खेलने की बजाय वहीं पर डिलीट कर देनी चाहिए, ताकि समाज में कोई गलत उदाहरण न बैठे या किसीकी गंदी सोच को बढ़ावा न मिले। देश के सभी नागरिकों से बिनती है की जो वीडियो समाज के लिए हानिकारक हो, गलत संदेश देने वाला हो या देश में अशांति फैलाने वाले हो ऐसे न्यूज़ को आगे मत बढ़ाओ। जिसने आपको भेजा हो उसे भी मना कर दो की ऐसी खबरें फॉरवर्ड न करें। सोशल मीडिया का सही उपयोग करो देश की उन्नति और समाज को सही राह दिखाने वाली घटनाओं को बढ़ावा देने वाली सामग्री को फॉरवर्ड करो, और अपने आप को एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाओ।
— भावना ठाकर ‘भावु’

*भावना ठाकर

बेंगलोर