ब्लॉग/परिचर्चा

हमने भी सीखा- 9

 

 

 

मुक्तक

मां की डिग्रियों पर मत जाना जनाब
मन को पढ़ने की डिग्री
हर मां के पास होती है.

आंख बंद करके भी हम
तेरी तस्वीर देख लेते हैं
आंख के अंधे समझते हैं
दुनिया वाले हमें
ये बात और है.

बिन बादल-बरसात के
भीगने का आनंद लेते रहे हम
प्रभु की रहमत की बरसात
ऐसे ही बरसती है, अब जाना है.

दूर रहो या पास
तेरा होना ही
मन को राहत देता है

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244