बाल कविता

आओ पेड़ लगाएं

आओ पेड़ लगाएं हम

समझे और समझाएं हम ।।

आम जामुन शहतूत खजूर

पीपल नीम वट हो भरपूर

मीठे फल औषधि के दाता

जंगल फिर से उगायें हम ।

फिर से हमसब करें विचार

मित्र सम हो इनसे व्यवहार

पोषित और सुरक्षित रखें

नियम ऐसा अपनाएं हम ।

मानसून का इनसे नाता

पेड़ आक्सीजन के दाता

प्रदूषण के महासंकट से

धरती मुक्त कराएं हम ।

छांया इंधन इनसे मिलता

धरा का संतुलन संभलता

ऋतुओं के जो संगी साथी

गुण इनके सब गायें हम ।

आओ पेड़ लगाएं हम ।।

— व्यग्र पाण्डे 

विश्वम्भर पाण्डेय 'व्यग्र'

विश्वम्भर पाण्डेय 'व्यग्र' कर्मचारी कालोनी, गंगापुर सिटी,स.मा. (राज.)322201