कविता

सत्यमेव जयते

अन्याय कभी ना करना है
अन्याय कभी ना सहना है
रसूखदार के भी आगे
अपनी तर्क को रखना  है

सत्य के सामने झुकना है
असत्य से नहीं मुड़ना है
परिणाम चाहे कुछ भी हो
पीछे कभी ना हटना है

झूठे को सह नहीं देना है
झूठे से सदैव ही बचना है
लालच की गोद में बैठकर कभी
अपनी ईमान कीहत्या ना करना है

गंदगी में ना रहना है
पड़ोस को गंदा ना करना है
स्वच्छ जीवन के शुली पर
हँसते हॅसते जीना है

जीना है और औरों को भी जीने देना है
बेवजह अन्य के जीवन को कष्ट न देना है
जीवन जग का है अनमाल  रत्न
हर एक को सुखी हमे देना है

असत्य का  विरोध भी करना है
विरोधियो से ना कभी ना डरना है
वाजिब बातों के लिये सदैव
सत्य वचन की पताका फहराना है

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088