कविता

लक्ष्य

तम भरी रातों में
जब कुछ न दिखाई दे ।
हृदय में एक ज्योति जलाओ
करके ईश्वर पर विश्वास
आगे बढ़ जाओ ।
अंतरतम में उजियाला होगा
लक्ष्य सधेगा, मंजिल मिलेगी ।
विघ्न सारे मिटेंगे
बुझी हुईं बातीं
दीप बन जल उठेंगी ।
अधूरा यज्ञ होगा पूर्ण
आहुतियां होंगी सार्थक ।
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111