कविता

कविता

खत लिखू या प्रीत लिखू
ए सनम मैं क्या लिखू!

देश जाऊँ या बिदेश जाउँ
ए सनम मैं कहाँ जाउँ!

पत्र भेंजू या तार भेंजू
ए सनम मैं क्या भेंजू!

तेरे बिन भींगी है आँखें
नयन अधर पे लगी है प्यासे!

आ जाओ तु मेरे गिरधर
तुझे पुकारू राधा बनकर!

मिली जब आँखें नयन निरालें
हुई छवि प्यारे लगते सुहाने!

वादा है आपसे निभाएगें दोस्ती
देंगे साथ बनके संग साथी!
बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।