बाल कविताशिशुगीत

वृक्ष लगाएं

आओ चुन्नू-मुन्नू-गुल्लू,
मिल-जुलकर हम वृक्ष लगाएं,
वृक्ष हमारे जीवनदाता,
इनसे हम निज नेह लगाएं.
ऑक्सीजन इनसे है मिलती,
सब्जी-फूल-फल-औषधि देते,
हरा-भरा रखते हैं धरा को,
बदले में ये कुछ नहीं लेते.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244