गीत/नवगीत

पल पल सरक रहा है जीवन

 

पल पल सरक रहा है जीवन
रेत घड़ी के जैसे
याद करे दुनिया सदियों तक
जीवन जी लो ऐसे
पल पल सरक रहा है जीवन …

क्या लेकर आया था जग में
क्या लेकर जाएगा
तेरे कर्मों का फल ही बस
साथ तेरे जाएगा
सद्कर्मों से भरो खजाना
क्या करना है पैसे
याद करे दुनिया सदियों तक
जीवन जी लो ऐसे
पल पल सरक रहा है जीवन …

ना मेरा ना तेरा कुछ है
क्यूँ इतना इतराए
साथ नहीं जाएगी माया
यहीं धरी रह जाए
नौ द्वारे का पिंजर छोड़ के
उड़ जाएगा ऐसे
पंछी छोड़के पिंजरा इक दिन
उड़ जाता है जैसे
कमा सके तो नाम कमा ले,
क्या करना है पैसे
याद करे दुनिया सदियों तक
जीवन जी लो ऐसे
पल पल सरक रहा है जीवन ….

जो चाहे औरों से वो,
दूजों को दे तू पहले
तज दे वचन कठोर
मधुर वाणी सबसे तू कह ले
इज्ज़त दे, इज्ज़त पाए
मिलता जैसे को तैसे
याद करे दुनिया सदियों तक
जीवन जी लो ऐसे
पल पल सरक रहा है जीवन ….

करना ना अन्याय किसी पर
ना अन्याय तू सहना
बात सही हो तो डंके की
चोट पर वह तू कहना
झूठ बोलकर दर्पण में
खुद को देखेगा कैसे
याद करे दुनिया सदियों तक
जीवन जी लो ऐसे
पल पल सरक रहा है जीवन ….

मौलिक/स्वरचित

राजकुमार कांदु

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।