कुण्डली/छंद

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस

योग से निरोग बने,बने रहें स्वस्थ सब,

सबको ही योग का, प्रण लेना चाहिए ।
भारत जनक है, योग की परंपरा का,
विश्व नमन करे, अब सीख लेनी चाहिए ।
योग अपना के लाभ पा रहा जहां,……
भारत का भी हर घर स्वस्थ होना चाहिए ।
सबको ही योग का, प्रण लेना चाहिए ।
भोग रहे हो जो कष्ट, करो शीघ्र उन्हें नष्ट,
व्यर्थ भोग उपभोग, अब छोड़ देना चाहिए ।
खुश हो जिए जाओ, रोग से मुक्ति पाओ,
दुखद कोराेना बाद, सबक लेना चाहिए ।
लाभ दे रहा है योग, बढ़ रहा उपयोग,
वक्त रहते ये मोल समझ आना चाहिए ।
सबको ही योग का, प्रण लेना चाहिए ।
 
— भावना अरोड़ा ‘मिलन’

भावना अरोड़ा ‘मिलन’

अध्यापिका,लेखिका एवं विचारक निवास- कालकाजी, नई दिल्ली प्रकाशन - * १७ साँझा संग्रह (विविध समाज सुधारक विषय ) * १ एकल पुस्तक काव्य संग्रह ( रोशनी ) २ लघुकथा संग्रह (प्रकाशनाधीन ) भारत के दिल्ली, एम॰पी,॰ उ॰प्र०,पश्चिम बंगाल, आदि कई राज्यों से समाचार पत्रों एवं मेगजिन में समसामयिक लेखों का प्रकाशन जारी ।