कविता

जिंदगी

ले दे के अपने पास
फकत एक नजर ही तो है
क्यूँ देखे हम जिंदगी को
किसी की नजर से हम
मानव जीवन मिला हमको
जीवन में अच्छे कर्म करें
हम किसी के साथ बुरा क्यों करें
हमारी भी कुछ आशाएं है
ख़ुशी और गम दोनों आते है जीवन में
हम अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीये
यह हमारा जीवन है
 क्यों किसी के लिए सोचे
किसी को अपना हमराज बनाएं
किसी को अपने दिल की बात बताएं
अपने दुख सुख उसके साथ बाटे
जिंदगी जीने के लिए
 दूसरे की नजर से क्यों देखे
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश