कविता

मिलकर उन्हें नमन करें..!!

आओ मिलकर उन्हें करें नमन
जिनके लिए सब कुछ है वतन..!
देश की रक्षा के लिए जिन्होंने
निछावर कर दी तन और मन…!!

घर से दूर वतन के लिए लड़ते
मुश्किलों से लड़कर आगे बढ़ते..!!
देकर दुश्मनों को जंग में मात
भारत माँ की हिफाजत करते..!!

सरहद में दुश्मन से टक्कर लेते
तिरंगे को कभी झुकने न देते..!!
ठंडी,गर्मी और बरसात को सहते
ईट का जवाब, पत्थर से देते ..!!

दुश्मनों की गोली सीने में खाकर
अपने वतन को महफूज रखते.है.!!
आओ मिलकर उन्हें करें नमन
जो देश के लिए कुछ करते है..!!

प्रीतम साहू 'कुशप्रीत'

लिमतरा, धमतरी,(छ.ग) जन्म-१९८७ कार्य- शिक्षक रूचि - चित्रकला,लेखन शिक्षा -एम.ए/एम.लिम,/बी.एड