कल केवल कुहरा आया था,अब बादल भी छाया है।हाय भयानक इस सर्दी ने,सबका हाड़ कँपाया है।। भीनी-भीनी पड़ी फुहारें,झीना-झीना उजियारा।आग सेंकता सरजू दादा,दिन में छाया अँधियारा।कॉफी और चाय का प्याला,सबसे ज्यादा भाया है।। आलू और शकरकन्दी भी,सबके मन को भाते हैं।गर्म-गर्म गाजर का हलवा,खुश होकर सब खाते हैं।कम्बल-लोई और कोट से,कोमल बदन छिपाया है।। हीटर-गीजर […]
एक में एक मिलाओ, आगे की संख्या पाओ. देखो बुजुर्ग एक, चलता लाठी टेक. ये हलवाहे दो, बीज रहे हैं बो. हरे तोते तीन, खाते दाना बीन. मिलकर मछुए चार, रहे मछलियां मार. मोर मुराले पांच, दिखा रहे हैं नाच. बकरी-बकरे छै, करते मैं मैं मैं. झाड़ खड़े हैं सात, जिनमें एक न पात. बैठे […]
रेल आयी,रेल आयीछुक छुक,छुक छुक रेल आयीअंश,लीची,रिया,प्राची आओ आओ,जल्दी जल्दीदेखो लाल बत्ती जली हैं रेलगाड़ी स्टेशन पर रुकी हैंना करो तुम धक्कम धक्कीझटपट आ जाओ सभी रेल राष्ट्रिय संपदा हमारी ना पहुंचाये कोई हानिनिर्धारित समय पर अपने गंतव्य की ओर चली रेल चली,रेल चलीलंबी लंबी हो रही कतार एक दूजे का थाम लो हाथसंभल कर आ जाओ अंदरबैठो अपनी अपनी सीट परकूड़ा करकट न फेंको यंहा स्वच्छता […]
गणपति बाप्पा मोरया। बहुत बहुत बधाई मनभावन रचना की।
जी, बहुत-बहुत शुक्रिया.