कविता

कच्चे धागे

बाँध दो मेरी कलाई में
कच्चे धागे का वो कंगन
जीवन भर तेरी करूँ हिफाजत
भाई बहन का पावन बंधन

माथे पे लगा कर चन्दन
रौली अछत का वन्दन
सुरक्षा की लेना है वादा
जब जब आये रक्षाबंधन

बुरी नजर से गर कोई देखे
उसका चिंता मुझ पर है बहना
छेड़खानी करने वाले की
हाथों में पहना दूँगा लोहे की गहना

तुम मेरी छोटी सी बहना हो
दिल की संदूक की हो गहना
सुख दुःख में तेरा काम में आऊँ
ले लेना जीवन भर की सपना

अपने काँधे पे तुम्हें बैठा कर
साजन के घर पहुँचाऊॅगा
डोली में बिठा कर अश्रु पूर्ण
नैनो को अपनी समझाऊँगा

पिया के घर दुल्हिनयॉ बन कर
जब जायेगी तुम ससुराल
रायेगी मेरे दो नयना
दिल का होगा तब बुरा हाल

तेरे जीवन में सुख की हो हरदिन
खुशियाली की हो नित्य बरसात
रक्षा बन्धन जब जब आये
सावन में दुँगा अनेक सौगात

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088